- 53 Posts
- 22 Comments
आज सुबह इंटरनेट पर बीबीसी हिंदी डॉट कॉम पर एम. अतहरउद्दीन मुन्ने भारती जो कि “एनडीटीवी इंडिया चैनल में प्रोग्राम कॉर्डिनेटर” हैं उनके द्वारा लिखित लेख जिसका शिर्षक था ‘जय श्रीराम कहकर मैंने बचाई परिवार की जान’ पढ़ा पूरा लेख पढने के बाद बहुत सोच विचार किया उसके बाद इस नतीजे पर पहुंचा कि यदि ऐसा ही चलता रहा और भारत सरकार ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो वो दिन ज्र्यादा दूर नहीं जब सीरया, इराक की तर्ज़ पर “भगवा आतंकवाद” लोगों का जीना हराम कर देगा बस फर्क यह होगा वहां “अल्लाह हो अकबर” के नाम के साथ निर्दोष लोगों का नरसंहार (Massacre) किया गया और भारत में निर्दोष लोगों को ‘जय श्रीराम” एवं “गोरक्षा” गो माता का नाम लेकर लोगों का नरसंहार किया जायेगा जैसा की पिछले दिनों से किया भी जा रहा है।
जिस प्रकार से रोज़ रोज़ दलितों एवं अल्पसंख्यको पर धर्म के नाम पर अत्याचार हो रहा है उसको यहाँ लिखने और कहने की आवश्यकता नहीं है बल्कि आप खुद मुझसे से बेहतर जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों से पूरा भारत अशांति क्यों है?
बस सवाल यही है की इन नफरतों को जन्म दे कौन रहा है ? सोचने और विचार करने वाली बात यह भी है कि ऐसा किया हो गया है के लोग एक दुसरे के शत्रु क्यों बन रहें हैं?
यहाँ सवाल पूछना आवश्यक की पुरे भारत में नफरत की आग को बुझाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकारे क्या कर रहीं हैं?
भारत सरकार और राज्य सरकारों को “भगवा आतंवाद” एवं इस्लामिक आतंकवाद को एक ही चश्मे से देखना होगा, क्यों कि डर इस बात का की यदि दोनों एक दुसरे के सामने आ कर मुकाबला करने लगे तो सीरया और इराक बनने में जरा भी देर नहीं लगे गी ।
वैसे मुन्ने भारती जी के साथ जो हुआ इस प्रकार के घटनाएँ काफी पहले भी हो चुकी हैं बल्कि इस प्रकार की क्रोर घटनाओ को अंजाम देने वाले उगार्वादी/आतंकवादी ऐसे कृत्य की वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल भी करते हैं जो कि चिता का विष्य है।
बीबीसी हिंदी डॉट कॉम पर एम. अतहरउद्दीन मुन्ने भारती की आपबीती के मुख्य अंश “मुज़फ़्फरपुर नेशनल हाईवे 28 के टोल टैक्स बैरियर से लगभग एक किलोमीटर दूर मारगन चौक का रास्ता जाम था. एक तरफ ट्रक सहित अन्य वाहन क़तार में थे, मैं दूसरी तरफ ख़ाली जगह से अपनी कार लेकर बढ़ रहा था, मैंने देखा कि बीच रोड पर एक बड़ा ट्रक खड़ा कर किया गया है अचानक एक नवयुवक ने आगे बढ़कर कार को गौर से देखा, मैंने उससे पूछा रास्ता क्यों जाम है.
मेरे ऐसा पूछते ही उसने कहा जल्दी निकलो वरना आपकी गाड़ी फूंक देंगे. मैंने पूछा कौन लोग हैं, जवाब मिला बजरंग दल के लोग हैं, मैं दहशत में गाड़ी मोड़ने की कोशिश कर ही रहा था कि केसरिया गमछा पहने 4-5 लाठी से लैस लोग कार की तरफ बढ़े. उन लोगों ने कार के अंदर बैठी मेरे मां-बाप और मेरी पत्नी पर नज़र डाली. चूँकि, मेरे पिता जी की दाढ़ी है और पत्नी नक़ाब पहनती हैं. इन्हें देखते ही ‘जय श्रीराम’ के नारे तेज़ हो गए. वो लोग लगातार लाठियां सड़क पर पटक रहे थे.मैं और मेरा परिवार किसी आशंका की दहशत से कांप रहा था. जब तक कुछ समझ में आता तो दो लोग मेरी गाड़ी के शीशे पर आकर चीखे, ‘बोलो जय श्रीराम वरना कार फूंक देंगे’.”
Read Comments