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उत्तर प्रदेश में यादव परिवार को समाजवाद की जरूरत

मेरा भारत महान
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दुनिया और भारत का इतिहास गवाह है कि सत्ता की भूक ने बाप ने बेटे की बलि दी, तो दूसरी तरफ बेटे ने बाप पर अत्याचार किए तो कभी माँ ने ही अपने बेटे कि घटना रूपी हत्या करा दी , सत्ता की भूक के चलते कितने अत्याचार हुए हैं उसके लिए इतिहास के पन्ने खून से रंगे हैं के किस प्रकार एक ही परिवार में राजशाही चलाने हेतु लोगों ने अपने ही परिवार के लोगों की हत्याये कराई उनपर शारारिक वे मानसिक अत्याचार किए ।
परन्तु मैं आज उत्तरप्रदेश के ऐसे शाही परिवार की बात कर करने जा रहा हूँ जिन के मुखिया के दिल में देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए उनके दिल में आग लग रही है, और जिस परिवार के 2 दर्जन से अधिक लोग राजनेता बन बेठे है एवं राजनीति को अपनी विरासत समझ कर उत्तरप्रदेश को स्वार्थ का दंगल बना दिया है, अपने अपने हितों के लिए रात दिन उत्तरप्रदेश को खोकला करने में व्यस्थ हैं ।
इसी कारण से इस परिवार में कई महीनों से घरेलू झगडे सड़क पर आ चुके हैं और परिवार में इतनी रंजिश दिख रही है के बाप अपने बेटे को कुर्सी से हटाकर अपने भाई के सर पर ताज सजना चाहता है तो बेटा ने अपने पिता के खिलाफ खुला मोर्चा ख़ोल दिया है समाचार तो यहाँ तक आ रहे हैं की बेटा सत्ता की भूक में इतना अँधा हो चुका है के अपने ही बाप को नीचा दिखाने के लिए अपने लिए नई जमीन तैयार करने में व्यस्थ हो गया है ।
यदि आज भारत में रोक्तंत्र के माध्यम से राजनीति न की जाती तो आज सन 1659 ई का इतिहास फिर वैसे ही दोहराया जाता जैसे औरंगजेब आलमगीर ने अपने पिता शाहजहाँ को हुकूमत के झगडे में सत्ता पाने के लिए बंदी बना कर कैद में डाला था, यदि देखा जाये तो औरंगज़ेब ने अपने पिता शाहजहाँ पर शारारिक वे मानसिक अत्याचार किया , पर यहाँ अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की मानसिक वे मान सम्मान पर चोट देने पर जुटे हैं। मुझ को औरंगज़ेब एवं अखिलेश यादव में कोई अंतर नहीं दिखता है ।
आज अखिलेश यादव यह भूल रहें हैं के उनका जन्म सोने के चमचा लेकर हुआ था एवं जिस बाप ने आपको ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया और आज जिस राज गद्दी (मुख्यमंत्री पद) पर बैठे हैं वो आपके पिता का बेटा प्रेम था जो 2012 में आपको अपना स्थान दे दिया था, अखिलेश यादव एक सवाल का जवाब दे दे बिना आप के पिता (मुलायम सिंह) नेता जी के नाम आप को पहचानता कौन? भले ही आज आप को पूरा देश जनता है पर सत्य यह है कि आपकी पहचान नेता जी से ही है और रहे गी ।
मुलायम सिंह यादव एवं अखिलेश यादव एक बात का खयाल रहे उत्तरप्रदेश को अपनी विरासत न समझ न क्यों की भारत के संविधान में राज शाही के लिए कोई स्थान नहीं है आप दोनों जो नौटंकी कर रहें है उसको उत्तरप्रदेश की जनता खूब देख रही है जनता ने बड़े बड़े राज शाही परिवारों को उनकी औकात याद दिला दी है आप तो हो ही किया ।
उत्तरप्रदेश की जनता नेता जी एवं पुरे यादव परिवार से हाथ जोड़ कर कह रही है कि आप से अपना परिवार नहीं संभालता तो करोड़ों संख्या वाले उत्तरप्रदेश की जनता किया संभालोगे?
अब समय आ गया है समाजवाद का नारा लगाना बंद करो और पहले अपने परिवार से लालच,स्वार्थ आदि जैसे बिमारियो का उपचार करिये अर्थात अपने परिवार में समाजवाद को बढ़ावा दे आज देश प्रदेश से अधिक समाजवाद की आवश्यकता आपके परिवार को ही है ।

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