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उत्तर प्रदेश के क़स्बा कोपा गंज – मऊ से दिल दहलाने वाली खबर मिल रही है यहाँ कई दिन पहले दो समुदायो के साम्प्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था जानकारी के अनुसार यहाँ आतंकवादी वहाबी विचारधारा रखने वालों ने नफरत फैलाने का निर्णय ले लिया है नफरत का बीज बोने के लिए जगह जगह शिया मुसलमानों से नफरत पैदा करने और उनसे सम्बन्ध तोड़ने के लिए अपील की जा रही है मुझको एक पोस्टर मिला है जो उर्दू भाषा में है जिस का शीर्षक है – बाईकाट और उस पोस्टर का सारांश यह है गैर सुन्नी हज़रात को सुचना दी जाती है की शिया मुसलमानों से किसी भी प्रकार के सम्बन्ध व लेन देन को ख़तम कर दिया जाये और जो इस सन्देश को नहीं मानेगा उसके साथ भी हम अपने सम्बन्ध तोड़ देंगे और उनके साथ भी सख्ती की जायेगी – सोजन्य – सुन्नी हजरात – कोपा गंज – मऊ
इस सन्देश के आखरी शब्द बहुत चिंताजनक है “सख्ती की जायेगी” मतलब गैर मुस्लमान यदि शियो से सम्बन्ध नही तोड़ेगा तो उनपर भी अत्याचार करेंगे जैसे शियो पर करते हैं, दूसरी बात ऐसा कर के वहाबी विचारधारा के लोग पुरे देश में सुन्नी और शिया के बीच नफरत पैदा करना चाहते है जिस प्रकार से अरब देशो में पैदा की है और उसके बाद आतंकवाद को जन्म देते हैं ।
मेरी जानकारी के अनुसार कोपा गंज मऊ में शिया मुसलमानों को डराया धमकाया जा है, उनकी जान-माल और घर परिवार वाले सुरक्षित नहीं हैं बताया जा रहा है के जबसे कस्बे में वहाबी आतंकवादी विचारधारा की एक जमात सऊदी अरब से आई है जब से यहाँ का माहोल बहुत गर्म है जानकारी के अनुसार अखिलेश सरकार की पुलिस भी आज़म खां के अभाव में वहाबी आतंकवादी विचारधारा की पक्षधर है ।
वहाबी आतंकवादी विचारधारा के लोगों का क़स्बा कोपा गंज के शिया मुसलमानों पर आरोप है कि उन्होंने सुन्नी खुलाफा ऐ राशेदीन को बुरे शब्द बोले हैं जबकि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनयाद हैं सत्य यह है कि सुन्नी शिया की कोई लड़ाई नहीं है यह सऊदी अरब कि वहाबी आतंकवादी विचारधारा देश में आतंक फेलाना चाहते हैं ।
शिया मुसलमानों के यहाँ सुन्नी मुसलमानों के या किसी भी धर्म के किसी भी प्रतीक (धर्म प्रचारक,अवतार) का अपमान करना हराम बताया गया है जिसके के लिए बड़े बड़े विद्वानों ,धर्म गुरुओ ने फतवे भी दिए हैं जिसको मैं अपने इस लेख में जगह दे रहा हूँ ।
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