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धर्म के नाम पर आतंकवाद, हिंसा और अत्याचार

मेरा भारत महान
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Riyaz Abbas Abidi
Riyaz Abbas Abidi

हमारे पूर्वज हज़रत अली (अ स) का कथन है कि मनुष्य अपनी ज़बान (भाषा) के पीछे छिपा होता है

गौरक्षक दलों के अत्याचार, आतंक को देखते हुवे प्रधानमंत्री जी  एवं कन्द्रीय गृह मंत्री जी को पत्र लिख कर इनपर पर कार्यवाही और इन पर अंकुश लगाने हेतु मांग कर चुका हूँ एवं एक लेख लिख कर देश के नागरिको की पीड़ा को रेखांकित किया “ लेख की टैग लाइन थी “गौरक्षक दल आतंकवादी संगठन घोषित हों” मेरे इस लेख को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते ही लोगों में बेचनी पैदा हुई और अपनी औकात दिखाने लगे , कोई भद्दी से भद्दी गाली दे रहा था तो कोई जान से मारने की धमकी दे रहा था और यह सिलसला अभी तक जारी है।

जो लोग गन्दी भाषा का प्रयोग कर रहें हैं दरअसल वो लोग अपनी पहचान बता रहे हैं की उनको किस प्रकार के संस्कार दिए गए हैं दुसरे वो लोग जो  मुझको मारने और डराने, घमकाने की कोशिश कर रहे हैं तो उनके लिए मेरा यह जवाब है के तुम इस से ज्यादा कुछ और कर भी नहीं सकते इस लिए अपनी जबान बंद रखो और हाँ इस प्रकार की भाषा से आप खुद बता रहे हैं के हाँ आप आतंकवादी हैं।

एक मुस्लमान होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि सभी सभी धर्मो की आस्था व भावनाओ का सम्मान करू इसी लिए मैं सनातन धर्म का भी सम्मान करता हूँ और इसी कारण से हिंदुस्तान में हमारे विद्वानों (धर्म गुरुओ) ने गाय को (काटना) ज़बह करने के लिए फतवा दिया हुआ है हमारे यहाँ गाय को काटना हराम है इस कारण से हम गाय को नहीं काटते हैं फतवा यहाँ पढ़े :- क्यों नही गाय को ज़बह (काटा) जाये?

अब असल बात पर आते हैं  गाय माता के नाम पर हिंसा करना कहाँ का न्याय है ?

भाई लोगों कोई बतायेगा आतंकवाद की परिभाषा क्या होती है ? मेरे लिए तो सीधी सी परिभाषा है जब भी कोई किसी पर अत्याचार करे हिंसा को जन्म दे  तो वो ही आतंकवाद होता है आप माने या न माने मुझको इससे कोई  फर्क नही पड़ता है पर सत्य यही है।

ISIS, अल कायदा, LTT आदि आतंकवादी संगठनों का इतिहास को पढ़े तो आपको मालूम होगा के वे भी धर्म के नाम पर धर्म की रक्षा के लिए या अपनी रक्षा के लिए खड़े हुवे और फिर दिन प्रति दिन क्रूर होते चले गए यही हाल “गोरक्षक दलों” का है भारत के संविधान में अपने हाथों में कानून लेना का अधिकार किसी को नहीं है यदि गोरक्षक दल गाय के नाम पर हिंसा, आतंक फैलाते है तो यह लोग रक्षक नही राक्षक कहलाये गें।

एक बार फिर यही कहता हूँ कि मैं सभी धर्मों का आदर और सम्मान करता हूँ सभी धर्मो की आस्था व भावनाओ का सम्मान करता हूँ और एक मुस्लमान होने के नाते अपने इस्लाम पर ईमान रखता हूँ पर मैंने कभी किसी  अत्याचारी/आतंकवादी का समर्थन नही किया है तो सीधी से बात है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में अत्याचार/आतंकवाद होगा तो  उसको सबके सामने लाता रहूँगा।

Gau raksha dalon Ko Atankwadi Saghthan Ghoshit Kiya jaye – Riyaz Abbas Abidi

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