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आखिर मुसलमान ही आतंकवादी क्यों ?

मेरा भारत महान
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आतंकवाद पर दोहरी सोच क्यों ?
आतंकवाद को समझ ने के लिए आतंकवाद की परिभाषा को समझना पड़ेगा !
आतंकवाद की परिभाषा :- आतंक का अर्थ होता है घबराहट , डर , भय अब यदि आतंक के साथ वादी लगा दिया जाये तो वो आतंकवादी बन जाता है यानि भय का जन्म दाता , डर को बढ़ावा देने वाला लोगों में अपना डर पैदा करने वाला ही आतंकवादी कह लाता है निर्दोष लोगों की हत्या करने वाला आतंकवादी कहलाता है अब प्रश्न यह पैदा हो जाता है के आखिर मुसलमान ही आतंकवादी कैसे ?

यहाँ पर मैं समझाने के लिए अतंकवादियो को श्रेणी में बाँट रहा हूँ –
यदि कोई महिला घरेलु हिंसा की शिकार होती है तो उस के लिए उसका पति आतंकवादी है
यदि किसी महिला का बलात्कार किया जाता है तो उस के लिए बलात्कारी आतंकवादी है
यदि किसी महिला को बस , ऑफिस या रस्ते में छेड़खानी की जाती है तो उस के लिए छेड़खानी करने वाला आतंकवादी है
यदि कोई मनुष्य किसी की हत्या करता है तो वो हत्यारा उस के लिए आतंकवादी है
यदि कोई मनुष्य सरकार के खजाने से चोरी करें तो वो देश के लिए आतंकवादी है
यदि कोई मनुष्य भड़काओ , आपत्ति जनक भाषा का प्रयोग करके लोगों की भावनाओ को ठेस पहुचाये वो भी आतंकवादी है
यदि कोई किसी विशेष धर्म के पर किसी भी प्रकार का हमला करे वो आतंकवादी है
यदि कोई व्यक्ति अपने देश के संविधान का पालन न करें वो भी आतंकवादी है आदि

यदि हम यह कहें के आतंकवादी केवल खून बहाना जनता है तो ऐसा नही है आतंकवादी दो प्रकार के होते हैं
एक वो जो केवल खून बहाना जानते है भले ही उनके सामने कोई बच्चा आ जाये या बूढ़ा या जवान या हिन्दू हो या मुस्लमान या ईसाई या यह कहना ग़लत न होगा के आतंकवादी मानवता के दुश्मन होते हैं इन का कोई धर्म नही होता इनका सिर्फ खून बहाने का धर्म होता है।

और दुसरे चुप छिनाल यानी वो आतंकवादी जो खून भले ही न बहाते हो पर उनके दिमाग में हमशा लोगों के दिलों में नफरत का जहर भरने में लगे रहते हैं भले ही इस नफरत के जहर से मौत न आती हो पर यह मौत आने से भी ज्यादा बड़ी मौत होती है

‪#‎रामवीर‬ ने मथुरा रैली में प्रधानमंत्री Narendra Modi जी को बम से उड़ाने की धमकी दी है, उसके भाई लक्ष्मण को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। और आतंकवादी रामवीर फरार हो गया है। किया यह आतंकवादी नही है

अभी पीछे हफ्ते दिल्ली में विशेष धर्म के नामो वाले मार्गों के बोर्ड्स पर कालिख पोती गई किया यह आतंकवाद नही है जी हाँ यह भी एक आतंकवाद ही तो है केवल अंतर इतना है पाकिस्तान में लोगों का खून बहाया जाता है और उसकी ज़िम्मेदारी एक आतंकी संगठन ले लेता है और ठीक उसी प्रकार से यहाँ भी एक आतंकी संगठन ने ज़िम्मेदारी ली है दोनों में अंतर यह है के एक का नाम अरबी भाषा पर है तो दुसरे का नाम सास्कृत , भारत में जो कुछ किया जा रहा है वो मोदी जी सरकार को बदनाम और नष्ट करना चाहते है
मेरी आशंका है यदि यही सब कुछ चलता रहा तो मोदी जी सरकार के लिए आने वाला समय बहुत कठिन हो सकता है ऐसे लोग कांग्रेस के एजेंट हैं जो मोदी सरकार के विकास की राजनीति से नज़र हटाने के लिए ऐसे कामों को अंजाम दे रहें हैं मोदी सरकार का एक ही नारा है सब का साथ सब का विकास और प्रधानमंत्री मोदी जी का कहना है के मेरी सरकार का धर्म राष्ट्र है

खैर मेरा आज का यह विष्य नही है दुबारा अपने विष्य पर आता हूँ

हिंदुस्तान में राजकुमार हिरानी “PK” फिल्म में शिव जी के लिए आपत्ति जनक दिखाया गया वो भी गलत था और उसकी निंदा होनी चाहये पर पैरिस में जो चार्ली हेब्दो अपनी पत्रिका में इस्लाम के प्रवक्ता का मज़ाक उड़ा रहे हैं वो भी गलत है। चार्ली हेब्दो पर आतंकी हमला हुआ वो भी गलत था। या फिर नक्सलवादी आये दिन निर्दोष लोगों का खून बहाते हो या अपहरण कर उनपर अत्याचार करते हो तो वो मानवता नही है
पर आज कल लोग दोहरे चरित्र के हो गए है। और केवल मुसलमानों को ही आतंकवादी मानते हैं जबके सत्य यह है की

आतंकवादी संगठन चाहे वो “बब्बर खालसा इंटरनेशनल” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “खालिस्तान कमांडो फोर्स” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ आसाम (यू उल एफ ए)” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( पी एल ए)” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट” (यू एन एल एफ) हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेपाक’ (पी आर ई पी ए के) हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “कांगलेपाक कम्यूनिस्ट पार्टी’ ( के सी पी) हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “कांगलेई याओल काम्बा लुप” ( के आई के एल) हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट’ ( एम पी एल एफ) हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स’ हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो ” लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम” हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “अखिल भारतीय नेपाली एकता समाज” ( ए बी एन ई एस) हो
आतंकवादी संगठन चाहे वो “गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी (जी एन एल ए) ” आदि हो

या
ISIS
अल-कायदा
लश्कर-ए-तैयबा/पास्बां-ए-अहले हदीस
जैश-ए-मोहम्मद/तहरीक-ए-फुरकान
हरकत-उल-मुजाहिद्दीन/हरकत-उल-अंसार/हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी
जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट
दीनदार अंजुमन
अल शबाब
बोको हराम आदि हो
यह सब एक ही जाती के जानवर हैं जो मानवता जाती पर अत्याचार करना अपना कर्तव्य समझते है और इन जैसे सभी आतंकी संगठननो की एक ही विचार धारा होती है वो है के हम जो कर रहें हैं वही सत्य है हम जैसा करते है वो सही करते हैं।

यदि इस्लाम आतंकवाद को बढ़ावा देता तो इस्लाम के धर्म गुरु इस के खिलाफ अपना विरोध दर्ज नही कराते अभी पीछे हफ्ते ही पाकिस्तान में आतंकवादी हमले के बाद 200 धर्म गुरुओ ने आईएसआईएल, तालेबान, अलक़ायदा, बोको हराम और दूसरी तथाकथित जेहादी संस्थाओं की आड़ में काम करने वालों के खिलाफ अपना फतवा जारी किया है उन्होंने ऐसे लोगों को इस्लाम से ख़ारिज कर दिया ! और सब से अहम बात यह है के पाकिस्तान के मुसलमानों का हिन्दुस्तानी मुसलमानों से मिलाने का किया अर्थ है
यदि आप आतंकवाद से नफरत करते है तो मेरे इस लेख को शेयर करें

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